क्या पीरियड्स में मंदिर जाना चाहिए? जानिए जया किशोरी के जवाब

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पीरियड्स में मंदिर

हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हम हमेशा लोगों से सुनते आए हैं कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं को मंदिर में पूजा आदि धार्मिक कार्यों के लिए नहीं जाना चाहिए।

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चर्चा का विषय

महिलाओं को पीरियड्स के दौरान मंदिर जाना चाहिए या नहीं, इसको लेकर आज भी समाज में चर्चा होती है। कई लोग इसे रूढ़िवादी धार्मिक मान्यता के तौर पर भी देखते हैं

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जया किशोरी की राय

इसको लेकर मशहूर कथावाचिका जया किशोरी ने भी अपनी राय रखी है। महिलाओं को पीरियड्स के दौरान मंदिर में प्रवेश करना चाहिए या नहीं इसके बारे में क्या कुछ कहा है, आइए आपको बताते हैं।

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कमजोरी

जया किशोरी के मुताबिक, माहवारी या पीरियड्स के दौरान महिलाएं अंदरूनी रूप से काफी कमजोर हो जाती हैं, जिसके कारण इस समय उन्हें आराम करने की सलाह दी जाती है।

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बाहर ना जाने की सलाह

जया किशोरी का मानना है कि महिलाएं पीरियड्स के दौरान बहुत कमजोर हो जाती हैं, इसलिए उन्हें मंदिर या बाहर ना जाने की सलाह दी जाती है, ताकि उन्हें कोई बीमारी ना हो जाए।

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पूजा में शुद्धता का ध्यान

जया किशोरी कहती हैं कि हमेशा से पूजा में शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है।

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पीरियड्स के दौरान सफाई

पुराने समय में पीरियड्स के दौरान महिलाओं के लिए स्वच्छता के बहुत से साधन नहीं थे। इसलिए महिलाओं को घर में रहने और आराम करने की सलाह दी जाने लगी।

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बना दिए गए नियम

जया किशोरी आगे कहती हैं कि समय के साथ-साथ लोगों ने इसे रूढ़िवादी सोच का दर्जा दे दिया, इसलिए कुछ लोगों ने पीरियड्स के दौरान मंदिर ना जाने के नियम बना दिए।

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सोच को बदलने की सलाह

जया किशोरी कहती हैं कि भगवान श्रीकृष्ण ने भी रजस्वला अवस्था में देवी द्रौपदी को छुआ था, तो हमें ये चीजें नहीं सोचनी चाहिए।ऐसे में समय के साथ-साथ हमें भी अपनी सोच बदलनी चाहिए।।

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